'KGF चैप्टर 2' से रॉकिंग स्टार यश ने पूरे देश में कन्नड़ सिनेमा का नाम ऊंचा कर दिया. इस फिल्म की ऑडियंस में बहुत सारे लोग ऐसे रह होंगे जिनके लिए कन्नड़ सिनेमा की पहली पहचान यश ही बने होंगे. मगर उनसे काफी पहले ही कन्नड़ फिल्में एक अलग ऊंचाई पर पहुंच चुकी थीं. और इस ऊंचाई पर इसे पहुंचाने वालों में एक सुपरस्टार का नाम सबलोग एक सुर में लेते हैं- डॉक्टर राजकुमार.
कन्नड़ सिनेमा में डॉक्टर राजकुमार की लीगेसी इतनी वजनदार है कि उन्हें 'एक्टर्स का सम्राट' कहा जाता है. एक इंटरव्यू में सुपरस्टार रजनीकांत ने बताया था कि अपनी जिंदगी में उन्होंने ऑटोग्राफ दिए तो बहुत, मगर उन्होंने खुद सिर्फ एक ही एक्टर का ऑटोग्राफ लिया था- डॉक्टर राजकुमार का. लेकिन अपनी इंडस्ट्री को ऊपर ले जाने का उनका पैशन इतना जोरदार था कि उस दौर के तमाम बाकी बड़े साउथ सुपरस्टार्स की तरह उन्होंने हिंदी फिल्मों में काम नहीं किया. और वो भी तब जब हिंदी के दो बहुत बड़े नामों ने उन्हें अप्रोच किया था. ये दोनों थे- पृथ्वीराज कपूर और अमिताभ बच्चन.
राजकुमार के साथ काम करने के लिए पृथ्वीराज कपूर ने की कन्नड़ फिल्म
हिंदी सिनेमा की नींव रखने वाले कलाकारों में से एक, राज कपूर के पिता, एक्टर-डायरेक्टर पृथ्वीराज कपूर ने अपने करियर में एक कन्नड़ फिल्म में भी काम किया. बताया जाता है कि इसकी वजह डॉक्टर राजकुमार ही थे.
हिंदी सिनेमा का बाजार बड़ा है और इसीलिए ये किसी भी एक्टर को ज्यादा बड़ी पॉपुलैरिटी दिलाता है. कहा जाता है कि पृथ्वीराज कपूर, डॉक्टर राजकुमार के काम से इतने इम्प्रेस थे कि उन्होंने उन्हें हिंदी फिल्म में अपने साथ एक्टिंग करने के लिए ऑफर दिया था. मगर कन्नड़ पहचान का सिंबल बन चुके राजकुमार ने इसके लिए इनकार कर दिया था. आखिरकार, पृथ्वीराज को उनके साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका तब मिला जब उन्होंने 1971 में आई कन्नड़ फिल्म 'साक्षात्कार' में काम किया. इस फिल्म में पृथ्वीराज ने, राजकुमार के पिता का रोल किया था.
राजकुमार ने अमिताभ को भी कर दिया था फिल्म के लिए मना
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी डॉक्टर राजकुमार से अपनी फिल्म में काम करने की रिक्वेस्ट की थी. लेकिन इस बार भी जनता को हिंदी फिल्म में राजकुमार को देखने का मौका नहीं मिला.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमिताभ ने राजकुमार को 'कुली' में एक खास कैमियो ऑफर किया था. सीन ऐसा था कि कुली का रोल करने वाले अमिताभ, जो सीन में डॉक्टर राजकुमार का सामान उठाते और उनसे पैसे लेने से मना कर देते. इसके बाद अमिताभ बच्चन को उनके प्रति अपना सम्मान दिखाते हुए राजकुमार के पैर भी छूने थे. जब ये सीन राजकुमार को सुनाया गया तो पहली वजह ये कि कन्नड़ के अलावा किसी दूसरी भाषा में काम नहीं करना चाहते थे. ऊपर से, उन्हें ये आईडिया भी पसंद नहीं आया क्योंकि उनका मानना था कि एक एक्टर के सामने दूसरे एक्टर को इस तरह छोटा नहीं दिखाया जाना चाहिए.
बहुत पक्की थी अमिताभ और डॉक्टर राजकुमार की दोस्ती
द हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि अमिताभ बच्चन और डॉक्टर राजकुमार बहुत अच्छे दोस्त भी थे. बेंगलुरु में अमिताभ एक सेट पर अपनी फिल्म शूट कर रहे थे. उनके पास के एक सेट में राजकुमार अपनी फिल्म 'भक्त प्रह्लाद' के शूट पर थे. अमिताभ को पता चला तो वो दूसरे सेट पर पहुंच गए और उन्होंने राजकुमार को माला पहनाकर उनका सम्मान किया, जो उस समय हिरण्यकश्यप के कॉस्टयूम में थे.
'कुली' के सेट पर एक्सीडेंट के बाद जब अमिताभ गंभीर हालत में हॉस्पिटल में थे, तब डॉक्टर राजकुमार ने उनके लिए खास प्रार्थना की थी. राजकुमार के करीबियों ने बताया कि उन्होंने अपने तीन दोस्तों के साथ, नंजनगुड मंदिर में उरुलु सेवा की थी. इसमें लोग जमीन पर लोटते हुए मंदिर की परिक्रमा करते हैं. ये भी बताया जाता है कि जब कुख्यात तस्कर वीरप्पन ने डॉक्टर राजकुमार को किडनैप कर लिया था, तब अमिताभ भी बहुत परेशान थे और उनके बेटों से अपडेट लेने के लिए रेगुलर कॉल करते थे.
200 से ज्यादा कन्नड़ फिल्मों में लीड रोल करने वाले राजकुमार के काम का क्या लेवल था, ये इस बात से समझा जा सकता है कि उनकी 39 फिल्मों के 63 अलग-अलग रीमेक बने थे. अमिताभ की फिल्म 'महान', डॉक्टर राजकुमार की फिल्म 'शंकर गुरु' का रीमेक थी. जबकि, राजकुमार की फिल्म 'अनुराग अरलितु' को अनिल कपूर की 'लाडला' में रीमेक किया गया था.
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